तुम भी ज़रूर रहे होगे, बचपन के दोस्त गलियाँ खेल, याद ज़रूर आते होंगे तुम भी ज़रूर रहे होगे, बचपन के दोस्त गलियाँ खेल, याद ज़रूर आते होंगे
हम लाख कोस लें खाकी को, पर हमारा दामन भी बेदाग नहीं। हक से ज्यादा हो जिम्मेदारी, हम हम लाख कोस लें खाकी को, पर हमारा दामन भी बेदाग नहीं। हक से ज्यादा हो जिम्...
उस रूह ने आज, उस रूह ने आज,
माटी सा भूरा मात्र यह नहीं रंग है खाकी साधारण सी वर्दी मत जानो इसे बाकी माटी सा भूरा मात्र यह नहीं रंग है खाकी साधारण सी वर्दी मत जानो इसे बाकी
जब ये खाकी तन पर तन जाती हैं, तब नया जोश तन में भर जाती हैं ! जब ये खाकी तन पर तन जाती हैं, तब नया जोश तन में भर जाती हैं !
अरे ! असली रावण का तो अब भी मरना बाकी है। अब भी मरना बाकी है। अरे ! असली रावण का तो अब भी मरना बाकी है। अब भी मरना बाकी है।